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जिस तरह से तिनका-तिनका जोड़कर एक घोंसला बनता है, ठीक उसी तरह से छोटी-छोटी अच्छी बातों को जोड़कर अच्छाइयों की एक माला तैयार होती है। जो जीवन में पाॅजिटिव सोच को विकसित करने के लिए और खुशियों का संसार बनाने के लिए बेहद जरूरी है। जीवन में आगे बढ़ना है, तो फिर किसी की अच्छाईयों को याद रखें और बुराईयों को भूल जायें। नाकि अच्छी बातों को भूलकर ता-उम्र बुराईयों की पोटली ढोते रहें।

एक दिन मैं अपनी बहुत पुरानी सहेली रीना से काफी लंबे समय बाद मिली, शायद दस साल बाद। मैं जिस रीना को पहले जानती थी वह उससे बहुत अलग लगी। कारण कि पहले रीना किसी के बारे में कुछ गलत नहीं बोलती थी। लेकिन अब जिस रीना से मेरी मुलाकात हुई वह पूरी तरह से बदल गयी थी। उसकी बातें सुनकर हैरान मैं थी। क्योंकि उसकी बातों में अब लोगों की बुराईयां ही भरी थी। उसने तो अपने उस दोस्त को भी नहीं छोड़ा, जिसने उसके जीवन के हर उस क्षण में मदद की थी, जब वह मुश्किलों से जूझ रही थी।

रीना की तरह बहुत सारे लोगों की यह आदत होती है कि चाहे किसी ने उनके लिए कितना भी अच्छा क्यों किया हो। लेकिन अच्छा करने वाले व्यक्ति ने कभी उसके साथ कुछ बुरा कर दिया, तो फिर वह उसकी सारी अच्छाईयों को भूलकर बुराईयों को ही याद रखते हैं। लेकिन सच तो यह है कि इस तरह की सोच हमारे मन में नकरात्मक भावों को भरती है, जिससे चाहे-अनचाहे हमारा व्यक्तित्व प्रभावित होता है।

यह सच है कि बुरी बातें हमें बहुत चुभती हैं। उनकी कसक इतनी ज्यादा होती है कि उसके आगे हम हर अच्छी बात को भूल जाते हैं। बुरी चीजों को भुलाने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप उसे एक कागज पर लिखें फिर उसे फाड़ दें। इससे आपके मन की भड़ास निकल जायेगी और आप बुरी बात को भूलकर फिर से अच्छी बातों को ही याद रखेंगी। जीवन में कुछ भी पाॅजिटिव करने के लिए यह बात हमेशा याद रखें, जो बीत गई सो बात गई- ये सोच आपको हर बुरी चीज को भूलकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।

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कैसे तैयार करें अच्छाईयों की माला
वर्तमान समय में हमारी टेंडेंसी हो गयी है कि हर बात का गलत मतलब निकालना। यानि की अच्छी बातों को छोडकर सिर्फ बुरी बातों को ही याद रखना। जबकि जीवन में खुश रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका मन बड़ा हो, जिससे कि आप किसी की बड़ी से भी बड़ी गलती को माफ कर सकें। जिस दिन आप इस हुनर को सीख जायेंगी, उसी दिन से आपका जीवन के प्रति नजरिया बदल जायेगा। आप खुशियों के सच्चे मोती पिरोकर अच्छाईयों की खूबूसरत माला तैयार कर पायेंगी जिससे आपके साथ-साथ आपके आस-पास के लोगों के जीवन में भी अच्छाईयों की सुगंध किसी मादक इत्र की तरह बिखरने लगेगी। एक बार किसी की कड़वी बात को भूलने की कला सीखिये तो सही, फिर देखिये कि कैसे आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आता है।

इन बातों पर अमल करेंः

  • अच्छी बातों को याद रखें बुरी बातों को भूल जायें। कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप हमेशा उन्हीं बातों को याद रखें, जो आपको खुशी देती हों।
  •  किसी ने आपके साथ कितना भी बुरा क्यों ना किया हो। आप अपने अंदर इसमें भी कुछ अच्छा होगा कि सोच रखें, तो आपको उसे भूलना आसान होगा। इतना ही नहीं आपकी यह सोच आपको हर मुश्किल दौर में हौसला देगी। जिससे आप बुराई करने वाले के बारे में पाॅजिटिवली सोचेंगे।
  •  कहते हैं कि दुख बांटने से कम होता है और और सुख बांटने से बढ़ता है आप इस सोच को अपने जीवन का मूल मंत्र बना लें और खुश रहें और खुशियों केा खुले दिल से बांटें फिर देखिये आपको हर जगह अच्छाईयां बिखरी नजर आयेंगी।
  •  एक कहावत है खाली दिमाग शैतान का घर, तो अपने आपको खाली ना रखें। खुद को व्यस्त रखें अपने पुराने मित्रों से मिलें, अपना मनपसंद म्यूजिक सुनें। जब आप लोगों से मिलेंगी तो किसी के बारे में किसी भी किस्म का पूर्वाग्रह पालने से बचेंगी। इससे आपके व्यक्तित्व में खुशनुमा बदलाव आयेगा।
  • इन सारी बातों के अलावा खुद को बिजी रखें। जब किसी की बात आपको अच्छी ना लगे, तो उससे बहस करने या फिर दस जगह उसकी बुराईयां करने की बजाये उसे ईग्नोर करें और खुद को अपने पसंद के किसी सृजनात्मक कार्य में बिजी रखें।

इन सारी बातों पर अमल करके देखें खुद-बखुद कड़ी से कड़ी जुड़ती जायेगी और आप खुद-बखुद अच्छाईयों की माला जपने लगेंगी। तो फिर जीवन में लेट गो यानि, जो हुआ उसे भूल जाओ का भाव भरें और खुश रहें।