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फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल — November 20, 2015

फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल

 

हर किसी की चाहत होती है कि वो जिस घर में रहे वो व्यवस्थित और खूबसूरत होने के साथ-साथ बेहतर प्रभाव देने वाला अर्थात् घर में खुशहाली और सामंजस्य स्थापित करने वाला हो। अगर आप भी अपने घर को रेनोवेट करवा रहे हैं, तो घर को सजाते समय फेंग्शुई के सिद्धांतों पर अमल करें। अपने घर के इंटीरियर में फेंग्शुई के आसान उपायों का इस्तेमाल करके अपने घर में और जीवन में अधिक धन व सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। बस अपने अपने घर को सजाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि इसके लिए आप छोटी-बड़ी जो भी वस्तुएं इस्तेमाल करें उसमें फेंग्शुई का टच हो।

उत्तर-पूर्व हो प्रभावशाली
उत्तर-पूर्व से जो सभी लाल रंग की वस्तुएं, जूते, साफ-सफाई का सामान जैसे झाड़ू पोंछा आदि को हटायें। उत्तर-र्पूव और उत्तर-जोन को साफ-सुथरा रखें आपको अपने घर में जादुई बदलाव नजर आयेगा। इन सारी बातों के अलावा उत्तर-पूर्व जोन में लेमन कलर की पेंटिंग्स और पर्दों का इस्तेमाल करें। अगर आपने उत्तर-पूर्व में सोफा रखा है, तो वहां पर लेमन कलर की कोई चीज रखें। अगर कुछ ना समझ आये तो फिर आप वहां पर एक फ्लावर पाॅट में लेमन कलर का कृत्रिम फूल भी रख सकते हैं। इससे आपमें और आपके घर में सकरात्मक विचारों और उर्जा का संचार होगा तथा नकारात्मक भाव और उर्जा घर से बाहर जायेगी।
पंचतत्वों को न करें नजरअंदाज
फेंग्शुई अपने घर को सकारात्मक उर्जा से भरने, आपकी दीवारों, कमरे और घर के प्रत्येक हिस्से की खूबसूरती को बढ़ाने का सबसे आसान माध्यम है। बस अपने घर का इंटीरियर करते समय सजावट की वस्तुओं के चयन और उसकी प्लेसिंग में पंचतत्वों के लिए निर्धारित दिशा का ध्यान रखने की जरूरत है। रंगों का चयन करते समय भी दिशाओं का ध्यान रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व में लाल रंग की कोई भी वस्तु रखने से बचें।

संतुलित करें ची एनर्जी को
फेंग्शुई में ची उर्जा का विशेष महत्व है। इसे संतुलित करने के लिए आप लकड़ी के फ्रेम, मेटल के फ्रेम, में जड़ी तस्वीरों, आईना, पेड़-पौधे, लकड़ी या मेटल का छोटा सा शो-पीस जैसी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। मजे की बात यह है कि किसी को इस बात का पता भी नहीं चलेगा कि आपने अपनी घर की सजावट में फेंग्शुई का इस्तेमाल किया है क्योंकि आप किसी खास कलर का बीन बैग किसी खास दिशा में रखते हैं, तो यह भी वास्तु रेमेडी की तरह काम करता है।

लगायें फेंग्शुई प्लांट
अपने घर के वातावरण को शुद्ध करने और घर में सकारात्मक उर्जा के संचार के लिए अपने घर के अंदर फेंग्शुई के हरे-भरे प्लांट लेडी पाम, एरेका पाल्म,, बैम्बू पाल्म, इंग्लिश इवी, ड्वारफ डेट पाल्म, पीस लिली, डरेकेना जैनेट कै्रग क्तंबंमदं श्रंदमज ब्तंपह में से अपनी पसंद को कोई भी प्लांट लगायें। इससे आपके सामाजिक दायरे और बिजनसे क्लाइंट की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

हवाओं में बिखरा संगीत

अपने घर में खुशहाली को लाने के लिए घर के प्रवेश द्वार पर अपने पसंद की विंडचाइम्स लगायें। विंडचाइम्स की मधुर ध्वनि पाॅजिटिव एनर्जी को आकर्षित करती है। इतना ही नहीं दरवाजे पर आप जो डोर बेल लगवा रहे हैं उसकी ध्वनि कर्कश ना हो। हमेशा मधुर ध्वनि वाले डोरबेल का ही चयन करें। आप चाहें तो अपने कमरे की खिड़की पर भी विंडचाइम्स लगा सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • घर को अलग दिखाने के लिए अगर आप किसी धार्मिक थ्रीडी या टू डी पेंटिंग से लेकर किसी शो-पीस का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बेझिझक करें। बस अपने घर में इसका इस्तेमाल करते समय वास्तु की दिशाओं और फेंग्शुई को ध्यान में रखते हुए रंगों और आकार का ध्यान रखें मसलन पूर्व दिशा में अंडाकार पेंटिंग लगायें, जिसमें नीले, हरे और गुलाबी रंग का प्रयोग किया गया हो। उत्तर-दिशा के लिए पीले, हरे, नीले रंग के सम्मिश्रण से बनी लहरिया आकार की पेंटिग का चयन करें।

  •  अपने घर के सभी हिस्से का निरीक्षण करें अगर कहीं पर कोई बेकार का सामान पड़ा हो, तो उसे इकट्ठा करके बेच दें।

  •  अपने घर में खराब पड़ी रिस्ट वाॅच, दीवार घड़ीें, बिजली का बेकार पड़ा पुराना सामान, रिमोट, बैटरी, रेडियो आदि को हटा दें क्योंकि ये घर के नकारात्मक सोच और उर्जा को न्योता देते हैं। यकीन मानिये इन्हें अपने घर के अंदर से हटाते ही आपको अपने अंदर स्फूर्ति का एहसास होगा और आपकी सोच भी सकारात्मक बनेगी।

  •  दक्षिण-पूर्व में लाल रंग का बल्ब जलाने मात्र से ही आपको अपनी आर्थिक स्थिति में बदलाव नजर आयेगा। यहां पर लहरिया आकार की नीले और काले रंग की पेंटिग लगाने से थोड़ा सा प्रयास करने मात्र से ही आपको नये अवसरों की प्राप्ति होगी।

  •  उत्तर जोन संपत्ति और लाभी बढ़ाने वाला है यहां पर गोल्डन टेम्पल की तस्वीर लगाने से आपको धन और सम्पत्ति की प्राप्ति होगी।

 वास्तुविद् नरेश सिंगल से बातचीत पर आधारित

फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल —
फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहा —
ईको फ्रंेडली त्योहार मनाने के दस तरीके — November 5, 2015
ईको फ्रंेडली त्योहार मनाने के दस तरीके —
ईको फ्रंेडली त्योहार मनाने के दस तरीके —

ईको फ्रंेडली त्योहार मनाने के दस तरीके

 diwali

अपने आस-पास के वातावरनण को शुद्ध रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि त्योहार मनाने के लिए ईको फेंडली तरीकों का इस्तेमाल किया जाये। अकसर त्योहार के मौके पर बहुत ज्यादा प्रदूषण हो जाता है। जिसकी वजह से पूरा वातावरण दमघोटूं हो जाता है। इस बार त्याहोर पर अपने घर और आस-पास के माहौल को खुशनुमा और पल्यूशन फ्री बनाये रखने के लिए ईकोफ्रेंडली त्योहार मनायें।

त्योहारों का मतलब ही है धूम-धड़ाका और ढेर सारी मस्ती। जब बात आती है दीवाली की तो आंखों के आगे चारों ओर जगमगाती बेशुमार रोशनी और पटाखों की तेज आवाज के साथ-साथ उपहारों का आदान-प्रदान, टेस्टी पकवान और मिठाईयों की सोंधी महक आने लगती है। लेकिन इस तरह से त्योहार मनाने से वातावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो जाता है, जिसकी वजह से कई दिनों तक आस-पास का पूरा वातावरण दमघोटूं हो जाता है। थोड़े से प्रयास से त्योहार केा यादगार बनाने के साथ-साथ उसे एनवायमेंट फ्रेंडली भी बनाया जा सकता है

  1. परंपरागत तौर पर दीवाली के दिन मिट्टी के दिये जलाने का प्रचलन था, मिट्टी के दिये में सरसो का तेल डालकर दिया जलाया जाता था, जिससे आस-पास की नेगेटिव एनर्जी समाप्त होने के साथ-साथ वातावरण भी शुद्ध होता था। मिट्टी के दिये का आप दुबारा भी इस्तेमाल कर सकती हैं इसके अलावा इसकी खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए अर्थ फेंडली मटेरियल यानि की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। आजकल बाजार में रंग-बिरंगे पेंटेड दिये मिलते हैं, जिनको जलाने से निकलने वाले टाॅक्सिन्स से वातावरण प्रदूषित होता है। इस दिन मोमबत्ती जलाने से बचें क्योंकि, जब एक साथ बहुत सारी मोमबत्ती जलती है, तो फिर पूरा वातावरण प्रदूषित होता है। इससे बचने के लिए इस बार आप दीवाली के अवसर पर पेंटेड दियों और मोमबत्ती की बजाये तेल वाले सादे दिये जलायें।
  2. अपने त्योहार को ईको फेंडली बनाने के लिए त्योहार के अवसर पर बनायी जाने वाली रंगोली के लिए फूलों का इस्तेमाल करें। रंगोली बनाने का अर्थ है कि आप पक्षियों के साथ-साथ अपना जीवन और भोजन बांट रहे हैं, इसलिए रंगोली बनाने के लिए बाजार में मिलने वाले आर्टिफिशियल रंगों का इस्तेमाल करने की बजाये फूलों, चावल, आटे, हल्दी पाउडर, काॅफी और कुमकुम पाउडर आदि का इस्तेमाल करके मनचाही रंगोली बनायें। इसके अलावा गुलाब, गेंदे, चम्पा, चमेली आदि के फूलों के साथ-साथ केले के पत्ते आदि का इस्तेमाल भी रंगोली बनाने के लिए कर सकती हैं। इससे बनने वाली रंगोली दिखने में सुंदर लगने के साथ-साथ एनवायरमेंट फेंडली भी होती है। त्योहार के बाद जब आप इसे उठाकर बाहर रखेंगी, तो इससे पर्यावरण को कोई हानि नहीं होगी वरन इससे चिटियों और चिडि़यों आदि का पेट भरेगा। त्योहार के अवसर पर एकदूसरे केा मिठाई देने का प्रचलन है।
  3. इस बार त्योहार को कुछ खास बनाने के लिए अपने निकट संबंधियों और पड़ोसियों के लिए घर पर ही मिठाई खरदीें। घर पर बनी मिठाई खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कम खर्च में भी बनेगी। अगर आप घर पर मिठाई नहीं बना सकती हैं, तो फिर अपने आस-पास के मार्के से ही मिठाई खरीदें। मिठाईयों की पैकिंग के लिए बहुत सारे डिब्बे और पेपर्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बनाने में बहुत सारे पेड़ कटते हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे बचने के लिए आप अपने रिश्तेदारों और मित्रों को गिफ्ट देने के लिए पहले से पास में रखे डिब्बे का इस्तेमाल करें और खरीदारी के लिए जाते समय अपने साथ में थैला लेकर जायें, इससे आप प्लास्टिक की थैलियों का ना कह पायेंगी।
  4. त्योहार के अवसर पर एकदूसरे को उपहार देने का चलन है। आपको अपने संबंधियों को उपहार देना है, तो फिर हस्तनिर्मित उपहारों का चयन करें। आपको बाजार में ऐसे बहुत सारे उपहार मिल जायेंगे, जो हाथ से बने हुए हों मसलन जूट और कपड़े से बने खूबसूरत हैंड बैग और पर्स, काॅटन कुर्ते या हथकरघे की साड़ी या फिर हैंडमेड ज्यूलरी। उपहार का चयन आप जिसे उपहार दे रही हैं उसकी पर्सनैलिटी के आधार पर कर सकती हैं।
  5. ऽ अपने प्रियजनों को दिये जाने वाले उपहारों की पैकिंग करते समय रगबिरंगे ग्लाॅसी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की बजाये उसे पेपर में पैक करें। क्योंकि प्लास्टिक पेपर के निर्माण में प्लास्टि के साथ-साथ मैटल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे रिसाइकिल करना मुश्किल होता है। बच्चों के उपहारों को पैक करने के लिए उनके मनपसंद कार्टून कैरेक्टर वाले पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं। पेपरपैकिंग एनवायरमेंट फेंडली होती है, इसका इस्तेमाल करके आप अपने वातावरण को ईकोफेंडली बना सकती हैं।
  6.  वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए बहुत ज्यादा पटाखे जलाने से बचें। जिन पैसों से आप पटाखे जलाते हैं उन पैसों से उपहार लेकर किसी जरूरतमंद को कपड़े और खाने की वस्तुएं दें, इससे आपकेा मानसिक सुकून मिलने के साथ-साथ आपने वातावरण को प्रदूषित नहीं किया इसका सुख भी मिलेगा।
  7.  त्योहार को ईकोफ्रेंडल तरीके से मनाने के लिए अपने घर को डेकोरेट करते समय उसमें हरे रंग की चीजों का समावेश करें तथा अपने निकट संबंधियों को उपहार में हरे पौधे दें तथा उन्हें भी प्रेरित करें कि वो भी अपने क्लोज लोगों को उपहार में ग्रीन प्लांट्स दें।
  8. त्योहार के मौके पर जहां तक हो सके अपने आस-पास से ही खरीदारी करें, इससे आपकी गाड़ी का पेटरोल डीजल बचने के साथ-साथ आपके समय की बचत भी होगी। अकसर त्योहारों के मौके पर टरैफिक जाम होता है, जिसकी वजह से बहुत सारा समय और प्राकृतिक ईधन खर्च होता है।
  9.  त्योहारों के मौके पर जहां तक हो सके पब्लिक टरांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। सभी रिश्तेदारों के घर जाने की बजाय ऐसी व्यवस्था करें कि आपके सभी मित्र और संबंधी किसी एक जगह पर एकत्रित हो जायें जहां पर आप एकदूसरे के साथ मिलकर त्योहार सेलिब्रिट करने के साथ-साथ एकदूसरे से उपहारों का आदान-प्रदान भी कर सकें। गैदरिंग के लिए जगह का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वहां तक पहुंचना सबके लिए आसान हो।
  10. त्योहार को पूरी तरह से इंज्वाॅय करने के लिए सारे काम पहले से ही निपटा लें मसलन किस को क्या उपहार देना है, क्या बनाना है, कौन से कपड़े पहनने हैं आदि चीजों की लिस्ट पहले से ही बना लें और उसके मुताबिक सारी चीजों की खरीदारी पहले से ही कर लें।
खुश रहने को जरूरी है प्यार — September 18, 2015
खुश रहने को जरूरी है प्यार —

खुश रहने को जरूरी है प्यार

किसी भी संबंध मंे खुशी का एहसास तभी समाहित हो सकता है, जब उसमें प्यार का समावेश हो। हमें अपने जीवनसाथी से अक्सर ही शिकायत रहती है। शायद ही कोई ऐसा पल होता हो, जो बिना किसी बहस के बीत जाये। अगर आप भी अपने साथी के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं, तो इस आदत को अपने दिमाग की स्लेट से मिटा दें, फिर देखिये कैसे आपके जीवन में खुशियां बसेरा करती हैं।

happy-couple (1)आज हरीश बहुत अच्छे मूड में था, सोच रहा था कि आज नेहा को शाॅपिंग पर ले जाउंगा बहुत दिन हो गये मूवी देखे तो आज दोनों मूवी देखेंगे और डिनर करके वापस आयेंगे यही सब सोचकर उसने नेहा को फोन किया नेहा ने फोन उठाया और हरीश के यह बोलने पर कि आज दोपहर में तैयार रहना मैं घर जल्दी आउंगा फिर हम शाॅपिंग पर जायेंगे और मूवी देखने के बाद डिनर करके ही वापस घर आयेंगे। हरीश का फोन सुनकर नेहा के मुंह से निकल गया कमाल है आज आपको मेरे लिए टाइम मिल गया। हैरानी की बात है आपके बाॅस ने आपको छुटृटी दे दी, वैसे तो जब कभी मैं बोलती हूं तो आपके पास टाइम नहीं होता है मेरे लिए। नेहा की बात सुनकर हरीश का अच्छा खासा मूड खराब हो गया हालांकि दोनों ने एकसाथ काफी समय बिताया लेकिन नितिन का मूड खराब ही रहा
नेहा की तरह बहुत साी पत्नियां ऐसी होती हैं, जो पति अगर उन्हें समय ना दे तो तानाकशी करती हैं और समय मिल भी गया तो अपनी जली-कटी बातों से उसे खराब करने से बाज नहीं आती हैं। सच तो यह है कि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो यह मायने नहीं रखता है कि आपने अपने साथी के साथ कितना समय बिताया उस समय तो यही मायने रखता है कि आप दोनों ने जो भी समय बिताया वह कितना अच्छा बीता अगर आपने अपने समय को एकदूसरे से उलझने में ही बिता दिया तो फिर यह मानकर चलिए कि अगर आपका एटिटयूड यही रहेगा तो आप दोनों कभी भी खुश नहीं रह पायेंगे क्योंकि खुश रहने की पहली शर्त यह है कि आप अपने साथी की भावनाओं का ध्यान रखें कोई ऐसा काम ना करें, जिससे आपका साथी हर्ट हो।
एकदूसरे की भावनाओं का रखें ख्याल
खुशहाल जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरी की भावनाओं की कद्र करें और एकदूसरे की पसंद ना पसंद का ध्यान रखें। यह सिर्फ पत्नी की ही जिम्मेदारी नहीं है पति के लिए भी यह बात उतना ही मायने रखती है जितना पत्नी के लिए। वैसे भी कहा जाता है कि पति-पत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है दोनों को एक गाड़ी के दो पहियों की तरह माना गया है, जिस तरह से अगर एक पहिये में हवा कम हो गयी या फिर वह पंक्चर हो गया तो गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है ठीक उसी तरह से ही पति-पत्नी में से अगर एक भी अपने साथी की भावनाओं का ध्यान नहीं रख पा रहा है, तो फिर इस प्यार भरे संबंध में दरार आते देर नहीं लगती है।
जिम्मेदारियों का बंटवारा
आजकल पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग हैं ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जिस तरह से दोनों मिल-जुलकर आर्थिक जिम्मेदारियों को निबाहते हैं उसी तरह से घरेलू काम में भी एकदूसरे का साथ दें। अगर पत्नी वर्किंग ना भी हो तो भी घर में इतने काम होते हैं कि वह थक जाती है ऐसे में अगर आप उसकी थोड़ी सी मदद कर दें, तो उसके मन में आपके प्यार की डोर और ज्यादा मजबूत होगी। आमतौर पर लोगों की यह धारणा होती है कि घर का काम करने का जिम्मा सिर्फ औरत का है, तो यह कतई जरूरी नहीं है कि घर का सारा काम केवल पत्नी ही करे। अगर पत्नी खाना बना रही है, तो कम से कम आप अपने बच्चों का होमवर्क तो करवा ही सकते हैं। इसी तरह से बाजार से सब्जी लाने का जिम्मा या फिर कमरे में बिखरी चीजों को ठीक करना आदि जैसे छोटे-छोटे काम करके आप अपने संबंधों को प्रगाढ़ बना सकते हैं। आपकी ये छोटी-सी पहल आपकी पत्नी के मन में प्यार के साथ-साथ आपके प्रति सम्मान भी बनायेगी। यकीन मानिये इस बात पर अमल करके आप अपनी पत्नी के दिल के और ज्यादा करीब होते जायेंगे।

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पसंद ना पसंद का रखें ध्यान
प्यार भरे संबंधों के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने साथी की पसंद ना पसंद का ध्यान रखें। अगर उसे आपकी कोई बात अच्छी नहीं लगती है, तो उसे बदलने की कोशिश करें। इसी तरह से इस बात का ख्याल रखें कि ऐसी कौन-सी बातें हैं, जिनके जिक्र मात्र से आपके जीवन-साथी के चेहरे पर मुस्कान छा जाती है और कौन-सी ऐसी बातें हैं जिनका जिक्र उसे पसंदनहीं हैं। इन सारी बातों के अलावा आपके साथी को क्या खाना पसंद है उसका पंसदीदा रंग कौन-सा है जैसी छोटी-छोटी बातें आप दोनों के प्यार को और बढ़ायेंगी।
एकदूसरे के परिवार का सम्मान
अगर आप यह चाहते हैं कि आपका साथी आपको प्यार करे और आपकी बात को मान दे, तो इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने जीवन-साथी से जुड़े सारे संबंधों को खुले दिल से स्वीकार करें उसके परिवार के सदस्यों का सम्मान करें। जब आप अपने जीवन-साथी के माता-पिता को अपने माता-पिता की तरह मान देंगे और उसके भाई-बहनों को अपने भाई बहन की तरह प्यार करेंगे, तो यकीनन आपके संबंधों में प्रगाढ़ता आयेगी।
छोटी-छोटी बातों पर ना टकरायें
यह सच है कि जहां प्यार होता है वहां टकराव भी होता है एक गाना भी है तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूूं… थोड़ी बहुत नोंक-झोंक प्यार को बढ़ाती है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाये तो फिर संबंधों में खटास आते देर नहीं लगती। इसलिए अपने जीवन-साथी के साथ बातचीत करते समय इस बात का ध्यान रखें की आप जो भी बात कहें उससे उनका ईगो ना हर्ट हो। एक बात और भी है जिस पर ध्यान देना जरूरी है वो यह कि अपनी बहस को झगड़े में ना बदलें अगर आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर मनमुटाव हो भी गया हो, तो फिर उसे उसी दिन सुलझा लें कहने का मतलब यह है कि अपनी तकरार को लंबा ना खींचे, जितना जल्दी हो आपसी झगड़े को सुलझा लें।
विष्वास है बेहद जरूरी
पति-पत्नी के सबंध में एक सबसे महत्वपूर्ण बात है, जो दोनेां के संबध के बना भी देता है और बिगाड़ भी देता है वह है एकदूसरे पर भरोसा। सच तो यह है कि किसी भी संबंध को तभी अच्छी तरह से चलाया जा सकता है जब उसमें विश्वास हो बिना भरोसे के यह सबंध दिखावा मात्र रह जाता है। आज जब पति-पत्नी दोनों वर्किंग हैं दोनों काम पर जाते हैं ऐसे में उनके बीच एकदूसरे के कलीग्स को लेकर अनायास ही शक पैदा होने लगता हे। लेकिन अगर आप यह चाहते हैं कि आपका संबंध खुशियों भरा रहे इसके लिए यह जरूर है कि आप अपने साथी पर विश्वास करें।
सच तो यही है कि खुश रहने के लिए धन-दौलत की उतनी ज्यादा जरूरत नहीं होती है जितनी अपने साथी के साथ म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग और प्यार की। अपने जीवन साथी की छोटी-छोटी जरूरतों और खुशियों का ध्यान रखें और अपनी जिंदगी से सारे तनाव और फ्रस्टेशन को निकालकर सिर्फ अपने जीवन-साथी को प्यार करें और उसका तथा उससे जुड़ संबंधों का सम्मान करें फिर देखिये कैसे खुशियां आपके आंगन में हमेशा के लिए अपना घर बना लेंगी।

इन पर करें अमल

  •  महत्वपूर्ण दिनों को याद रखें और उस पर अपने साथी को छोटा सा ही सही उपहार दें।

  •  किसी दूसरे के सामने कभी भी अपने साथी के साथ बत्तमीजी से बात ना करें।

  •  कभी-कभी एकदूसरे के साथ कहीं घूमने जायें

  •  अगर आपके बच्चे हैं, तो उसका काम दोनों मिलजुलकर करें इससे ना केवल आप दोनों की जिम्मेदारियां बंटेंगी वरन बच्चे के साथ आप दोनों की बांडिंग भी बढ़ेगी।

निखरा-निखरा रूप तुम्हारा — August 11, 2015
निखरा-निखरा रूप तुम्हारा —

निखरा-निखरा रूप तुम्हारा

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उबटन की परंपरा बहुत पुरानी है। सदियों से रानियां-महारानियां अपने रूप को संवारने के लिए इस नुस्खे को आजमाती रही हैं। दुलहन के रूप को निखारने के लिए आज भी विवाह के सप्ताह भर पहले से उसे उबटन लगाने की परंपरा है।

उबटन बनाने के लिए प्राकृतिक सामग्री मसलन दूध, केसर, चंदन, खसखस पाउडर, बेसन, हल्दी, आंटा आदि का इस्तमेमाल किया जाता है। घर पर बने उबटन के नियमित इस्तेमाल से त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है। चेहरे पर हमेशा ग्लो रहता है। उबटन के बहुत सारे फायदे हैं। थोड़ी सी मेहनत से आप भी पा सकती हैं खिले-खिले रूप का खजाना। उबटन लगाने के लिए किसी खास मौके का इंतजार करने की जरूरत नहीं, जब भी मौका मिले इसे लगा लें। इसे बनाने और लगाने में बहुत कम समय खर्च होता है, लेकिन इसका असर आपके चेहरे पर देर तक नजर आता है।

कैसे बनायें उबटन
उबटन प्राकृतिक सामग्री से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए आंटा या बेसन, हल्दी पाउडर, चंदन पाउडर, दूध और गुलाब जल को लेकर एक साथ अच्छी तरह से मिला कर पेस्ट बना लें। यह ना तो बहुत ज्यादा पतला हो और ना ही बहुत ज्यादा गाढ़ा। सामग्री कितनी लेनी है इसका निर्धारण अपनी आवश्यकता के हिसाब से करें। उबटन केा अच्छी तरह से लगाने के बाद इसे धीरे-धीरे छुड़ायें इससे आपकी त्वचा पर जमी गंदगी निकल जायेगी। उबटन लगाने के बाद जब यह सूख जाये, तो इसे हल्के गुनगुने पानी से धो दें।

मनचाहे परिणाम के लिए उबटन के लिए सामग्री का चयन अपने त्वचा के प्रकार के आधार पर करें। मसलन अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो उबटन बनाते समय उसमें आॅलिव आॅयल जरूर डालें, इससे त्वचा का रूखापन कम होता है। उबटन बनाने के लिए नीम पाउडर, संतरे के सूखे छिल्कों का पाउडर, नींबू का रस, बादाम का पाउडर आदि भी डाला जाता है, इससे त्वचा पर तुरंत निखार आता है।

त्वचा पर प्राकृतिक निखार
उबटन में बहुत सारी हर्बल सामग्री होती है, इस वजह से इसे चेहरे पर लगाने के थोड़ी देर बाद ही इसका प्रभाव दिखने लगता है। उबटन के नियमित इस्तेमाल से टैनिंग की समस्या खत्म होती हैै। अगर आपकी त्वचा बेजान लगती है, तो नियमित तौर पर बेसन का उबटन लगायें यह आपके चेहरे से मृत कोशिकाओं को हटाकर उसपर निखार लाने का काम करेगा। गर्मियों में चंदन पाउडर लगाने से त्वचा को गर्मी से आराम मिलता है। बेसन और चंदन पाउडर में दूध मिलाने से रंगत गोरी होती है।

चेहरे से खत्म होते हैं अनचाहे बाल
अगर आप चेहरे पर अनचाहे बालों की समस्या से परेशान हैं, आप नियमित उबटन के इस्तेमाल से इससे निजात पा सकती हैं। चेहरे से बालों को कम करने के लिए मसूर की दाल में आॅरेंज पील पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाकर गोलाई में मालिश करें, यह पेस्ट पानी से आसानी से साफ नहीं होता है, इसे साफ करने के लिए आॅलिव आॅयल लगाकर गोलाई में चेहरे की मालिश करें। इसके नियमित इस्तेमाल से बालों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं और धीरे-धीरे से चेहरे से सारे बाल साफ हो जाते हैं इसका कोई हानिकारक परिणाम नहीं होता है। पर इस मिश्रण को लगाते हुए इसे बहुत तेजी से रगड़ें नहीं हल्के हाथों से ही पूरे चेहरे और गर्दन की मालिश करें।

साफ-सुथरी निखरी त्वचा
उबटन के नियमित इस्तेमाल से चेहरे के दाग धब्बे खत्म होते हैं फिर चाहे वह एक्ने का दाग हो या फिर कोई अन्य निशान। पिगमेंटेशन के निशान को साफ करने में भी उबटन कारगर है। तेज धूप में झुलसी त्वचा केा भी उबटन के इस्तेमाल से राहत मिलती है। दाग धब्बे हटाने के लिए उबटन बनाते समय उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदे मिला दें। नींबू प्राकृतिक ब्लीच है। उबटन में नींबू मिलाने से इसका असर अच्छा रहता है। अगर आप सप्ताह में एक बार इसका इस्तेमाल अपने चेहरे पर करें, तो आपकी स्किन साफ-सुथरी और निखरी लगेगी। धूप से बचने के लिए उबटन लगाने के अलावा धूप में जाते समय चेहरे पर 30 एसपीएफ सन्सक्रीन लोशन जरूर लगायें।

उम्र होती है कम
उबटन लगाने से चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियां और हल्की लाइन्स कम होती हैं। उबटन में हल्दी मिलाने से एजिंग साइन कम होते हैं। हल्दी में मौजूद में एन्टी एजिंग तत्व उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके नियमित प्रयोग से चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं।
आजकल बाजार में बने बनाये हर्बल उबटन पाउडर पैक मिलते हैं। अगर आपके पास समय की कमी है, तो इस उबटन पाउडर में दूध या गुलाब जल मिलाकर नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल करके अपनी त्वचा को खूबूसरत और कमनीय बना सकती हैं।

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इन बातों का ध्यान रखें

  • इच्छित परिणाम के लिए हमेशा उबटन का चयन अपनी स्किन टाइप को ध्यान में रखकर ही करें। अगर आपकी स्किन आॅयली है, तो उबटन में दूध, मलाई और आॅलिव आॅयल ना मिलायें। इससे आपकी त्वचा और ज्यादा आॅयली हो जायेगी।
  •  कोशिश करें कि आप अपने लिए घर पर ही उबटन बनायें अगर बाजार से उबटन का बना बनाया पैक खरीद रही हैं, तो फिर अच्छी कंपनी के ही प्रोडक्ट खरीदें और उन पर एक्सपायरी और मैन्यूफैक्चरिंग डेट चेक कर लें।
  •  चेहरे पर तुरंत निखार के लिए दो बादाम को पीस लें, उसमें थोड़ी से केसर, हल्दी और मलाई मिलाकर लगाएं दस मिनट बाद हल्के हाथों से छुड़ा लें और गुनगुने पानी से चेहरा धे लें।
  •  अगर आपकी त्वचा रूखी है तो फिर शहद और अंडे की सफेदी में थोड़ा सा आॅलिसव आॅयल डालकर इसे अच्छी तरह से मिला लें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाकर 10-15 मिनट तक छोड़ दें फिर इसे गुनगुने पानी से धो दें आपकी त्वचा का रूखापन खत्म हो जायेगा।
  •  उबटन को कभी भी तेज-तेज ना रगड़ें क्योंकि इससे त्वचा केा नुकसान पहुंचता है।
  •  मुल्तानी मिट्टी युक्त पैक या उबटन लगाने के बाद बोलें नहीं।