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फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल — November 20, 2015

फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल

 

हर किसी की चाहत होती है कि वो जिस घर में रहे वो व्यवस्थित और खूबसूरत होने के साथ-साथ बेहतर प्रभाव देने वाला अर्थात् घर में खुशहाली और सामंजस्य स्थापित करने वाला हो। अगर आप भी अपने घर को रेनोवेट करवा रहे हैं, तो घर को सजाते समय फेंग्शुई के सिद्धांतों पर अमल करें। अपने घर के इंटीरियर में फेंग्शुई के आसान उपायों का इस्तेमाल करके अपने घर में और जीवन में अधिक धन व सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। बस अपने अपने घर को सजाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि इसके लिए आप छोटी-बड़ी जो भी वस्तुएं इस्तेमाल करें उसमें फेंग्शुई का टच हो।

उत्तर-पूर्व हो प्रभावशाली
उत्तर-पूर्व से जो सभी लाल रंग की वस्तुएं, जूते, साफ-सफाई का सामान जैसे झाड़ू पोंछा आदि को हटायें। उत्तर-र्पूव और उत्तर-जोन को साफ-सुथरा रखें आपको अपने घर में जादुई बदलाव नजर आयेगा। इन सारी बातों के अलावा उत्तर-पूर्व जोन में लेमन कलर की पेंटिंग्स और पर्दों का इस्तेमाल करें। अगर आपने उत्तर-पूर्व में सोफा रखा है, तो वहां पर लेमन कलर की कोई चीज रखें। अगर कुछ ना समझ आये तो फिर आप वहां पर एक फ्लावर पाॅट में लेमन कलर का कृत्रिम फूल भी रख सकते हैं। इससे आपमें और आपके घर में सकरात्मक विचारों और उर्जा का संचार होगा तथा नकारात्मक भाव और उर्जा घर से बाहर जायेगी।
पंचतत्वों को न करें नजरअंदाज
फेंग्शुई अपने घर को सकारात्मक उर्जा से भरने, आपकी दीवारों, कमरे और घर के प्रत्येक हिस्से की खूबसूरती को बढ़ाने का सबसे आसान माध्यम है। बस अपने घर का इंटीरियर करते समय सजावट की वस्तुओं के चयन और उसकी प्लेसिंग में पंचतत्वों के लिए निर्धारित दिशा का ध्यान रखने की जरूरत है। रंगों का चयन करते समय भी दिशाओं का ध्यान रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व में लाल रंग की कोई भी वस्तु रखने से बचें।

संतुलित करें ची एनर्जी को
फेंग्शुई में ची उर्जा का विशेष महत्व है। इसे संतुलित करने के लिए आप लकड़ी के फ्रेम, मेटल के फ्रेम, में जड़ी तस्वीरों, आईना, पेड़-पौधे, लकड़ी या मेटल का छोटा सा शो-पीस जैसी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। मजे की बात यह है कि किसी को इस बात का पता भी नहीं चलेगा कि आपने अपनी घर की सजावट में फेंग्शुई का इस्तेमाल किया है क्योंकि आप किसी खास कलर का बीन बैग किसी खास दिशा में रखते हैं, तो यह भी वास्तु रेमेडी की तरह काम करता है।

लगायें फेंग्शुई प्लांट
अपने घर के वातावरण को शुद्ध करने और घर में सकारात्मक उर्जा के संचार के लिए अपने घर के अंदर फेंग्शुई के हरे-भरे प्लांट लेडी पाम, एरेका पाल्म,, बैम्बू पाल्म, इंग्लिश इवी, ड्वारफ डेट पाल्म, पीस लिली, डरेकेना जैनेट कै्रग क्तंबंमदं श्रंदमज ब्तंपह में से अपनी पसंद को कोई भी प्लांट लगायें। इससे आपके सामाजिक दायरे और बिजनसे क्लाइंट की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

हवाओं में बिखरा संगीत

अपने घर में खुशहाली को लाने के लिए घर के प्रवेश द्वार पर अपने पसंद की विंडचाइम्स लगायें। विंडचाइम्स की मधुर ध्वनि पाॅजिटिव एनर्जी को आकर्षित करती है। इतना ही नहीं दरवाजे पर आप जो डोर बेल लगवा रहे हैं उसकी ध्वनि कर्कश ना हो। हमेशा मधुर ध्वनि वाले डोरबेल का ही चयन करें। आप चाहें तो अपने कमरे की खिड़की पर भी विंडचाइम्स लगा सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • घर को अलग दिखाने के लिए अगर आप किसी धार्मिक थ्रीडी या टू डी पेंटिंग से लेकर किसी शो-पीस का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बेझिझक करें। बस अपने घर में इसका इस्तेमाल करते समय वास्तु की दिशाओं और फेंग्शुई को ध्यान में रखते हुए रंगों और आकार का ध्यान रखें मसलन पूर्व दिशा में अंडाकार पेंटिंग लगायें, जिसमें नीले, हरे और गुलाबी रंग का प्रयोग किया गया हो। उत्तर-दिशा के लिए पीले, हरे, नीले रंग के सम्मिश्रण से बनी लहरिया आकार की पेंटिग का चयन करें।

  •  अपने घर के सभी हिस्से का निरीक्षण करें अगर कहीं पर कोई बेकार का सामान पड़ा हो, तो उसे इकट्ठा करके बेच दें।

  •  अपने घर में खराब पड़ी रिस्ट वाॅच, दीवार घड़ीें, बिजली का बेकार पड़ा पुराना सामान, रिमोट, बैटरी, रेडियो आदि को हटा दें क्योंकि ये घर के नकारात्मक सोच और उर्जा को न्योता देते हैं। यकीन मानिये इन्हें अपने घर के अंदर से हटाते ही आपको अपने अंदर स्फूर्ति का एहसास होगा और आपकी सोच भी सकारात्मक बनेगी।

  •  दक्षिण-पूर्व में लाल रंग का बल्ब जलाने मात्र से ही आपको अपनी आर्थिक स्थिति में बदलाव नजर आयेगा। यहां पर लहरिया आकार की नीले और काले रंग की पेंटिग लगाने से थोड़ा सा प्रयास करने मात्र से ही आपको नये अवसरों की प्राप्ति होगी।

  •  उत्तर जोन संपत्ति और लाभी बढ़ाने वाला है यहां पर गोल्डन टेम्पल की तस्वीर लगाने से आपको धन और सम्पत्ति की प्राप्ति होगी।

 वास्तुविद् नरेश सिंगल से बातचीत पर आधारित

फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहाल —
फेंग्शुई से बनायें घर को सुव्यवस्थित और खुशहा —
ईको फ्रंेडली त्योहार मनाने के दस तरीके — November 5, 2015
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कब करें तलाश नई नौकरी की

अपरेजल का समय आने के साथ ही मन में इस बात को उथल-पुथल होने लगती है कि क्या मुझेे अपनी नौकरी अपनी पुरानी कंपनी में ही कंटीन्यू करनी है या फिर कोई दूसरी नौकरी की तलाश करनी है। अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल उठते हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि आप खुद से कुछ सवाल पूछे और उन सवालों के जवाब तलाशने के बाद ही यह निर्धारित करें कि आपको अपनी पुरानी जाॅब कंटीन्यू रखनी है या फिर नई नौकरी की तलाश करनी है।

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इस संबंध में करियर कांउंसलर डाॅ तृप्ति सखूजा का कहना है कि नौकरी कब बदलनी है इस संबंध में चार बातों का विश्लेषण करें पहली क्या आपकी वर्तमान नौकरी आपकी पर्सनेलिटी केा सूट कर रही है, दूसरी क्या आप अपने काम को इंज्वाॅय कर रही हैं, तीसरी क्या आपको अपनी नौकरी से उतनी सेलरी मिल रही है, जितने के आप योग्य हैं चैथी सबसे महत्वपूर्ण बात अपकी शारीरिक क्षमता और हेल्थ है। करियर में तरक्की की इच्छा सभी की होती है। जब आपको ऐसा महसूस होने लगे आप जिस जगह काम कर रहे हैं, वहां आपकी कोई ग्रोथ नहीं हो रही है, आप अपनी काम में इंटरेस्ट नहीं ले पा रही हैं और आपको अपने से कम योग्य व्यक्ति से कम सेलरी और महत्व मिल रहा है, तो बेवजह फ्रस्टेड होने की बजाय नई नौकरी की तलाश शुरू कर देनी चाहिए।

अपनी नौकरी को इंज्वाॅय कर रहे हैं
क्या आप अपनी प्रेजेंट जाॅब को इंज्वाॅय कर रही हैं। अगर इसका जवाब हां है, तभी आप अपनी जाॅब को कंटीन्यू रखें क्यांेंकि जब आपको अपने काम को करने में मजा ना आ रहा हो तो आप अपना बेस्ट नहीं दे पायेंगी, जिसकी वजह से आप अपना काम परफेक्ट तरीके से नहीं कर पायेंगी। कहने का तात्पर्य यह है कि बेहतरीन परफाॅरमेंस के लिए जरूरी है कि आप अपनी जाॅब को इंज्वाॅय करें। अगर आप अपने आॅफिस के प्रेशर से परेशान हैं, बाॅस का रवैया आपके प्रति ठीक नहीं है, आॅफिस का माहौल अच्छा नहीं है और वहां जाने के लिए आपको खुद केा जबरदस्ती तैयार करना पड़ता हो तो आपको नई नौकरी की जरूरत है। वहां रहकर खुद की क्रिएटिविटी को खत्म करने और फ्रस्टेड होने से अच्छा यही है कि आप नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दें।

मेहनत का उचित दाम
जल्दी-जल्दी नौकरी बदलना अच्छी बात नहीं है, लेकिन अगर आपको अपनी नौकरी में संतुष्टि और अच्छी सेलरी नहीं मिल रही हो तो उसे जारी रखना ठीक नहीं। आप इस बात का आकलन करें कि क्या आपको अपनी नौकरी में उतनी सेलरी मिल रही है, जितने की आप हकदार हैं। इसके लिए जल्दीबाजी ना करें अपनी सहेलियों से बात करें, जो दूसरी कंपनी में आपके पद पर कार्यरत हैं उनसे पता करें कि उन्हें कितनी सेलरी मिल रही है। जैसे ही आपको यह लगे कि आपको क्वालिफिकेशन और योग्यता के मुताबिक सेलरी नहीं मिल रही है, तो फिर लिए नई नौकरी की तलाश शुरू करें।

वर्तमान नौकरी से कुछ सीख रहे हैं
पढ़ाई और हर दिन कुछ नया सीखना ऐसी प्रक्रिया है, जो कभी खत्म नहीं होती। बहुत सालों तक एक ही जगह काम करते-करते आप बहुत कुछ सीखते भी हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि एक ही जगह काम करते-करते आपकी योग्यता कुंठित होने लगती है। आप भी खुद से यह सवाल पूछें कि क्या आपको अपनी कंपनी में लंबे समय तक रहते हुए अभी भी कुछ नया सीखने को मिल रहा है, आपको आॅफिस के नये-नये प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी दी जाती है या फिर इसके लिए किसी एंप्लाई की नियुक्ति होती है। अगर इस सवाल का जवाब नकारात्मक है तो बेहतर यही होगा कि आप अपनी पुरानी कंपनी को गुडबाय कह खुद के लिए नये आॅप्शन की तलाश करें।

करियर एडवांसमेंस
आमतौर पर हममें से बहुत सारे लोग पांच साल से आगे तक की योजना बनाकर रखते हैं कि हमें फलां काम करना है। अगले पांच सालों में आप खुद को जिस मुकाम पर देखना चाहते हैं। वर्तमान जगह काम करते हुए इस बात का आकलन करें कि क्या यह वह जगह है जहां रहते हुए आप अपनी योजनाओं केा पूरा कर सकती हैं अगर हां तो अपनी जाॅब वहां पर कंटीन्यू रखें, लेकिन अगर आपको वहां रहते हुए इस बात की चिंता सता रही हो कि पता नहीं कब आपको यह जाॅब छोड़नी पड़े ऐसे हालात में आप अपने लिए बेहतर जाॅब की तलाश शुरू कर दें।

बाॅस और कलीग्स के बीच लोकप्रियता
नई नौकरी की तलाश इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप जिस संस्थान में काम कर रही हैं, वहां पर आपके बाॅस और कलीग्स के साथ संबंध कैसे हैं। क्या आपका बाॅस और आपके कलीग्स आपको पंसद करते हैं अगर हां तो आप बिल्कुल सही जगह पर काम कर रही हैं, यहां पर काम करते हुए आपको वर्कप्रेशर तो झेलना पड़ सकता है, लेकिन बाकी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। बाॅस के साथ अच्छे संबंधों से आपको समय-समय पर अच्छा इन्क्रीमेंट और प्रमोशन मिलता रहेगा। लेकिन अगर आॅफिस में आपके बाॅस और कलीग्स के साथ आपके सबंध बेहतर नहीं हैं, तो फिर आपको नई जाॅब की तलाश शुरू कर देनी चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

  • आपके संस्थान के विकास में आपकी कितनी महत्वपूर्ण भूंिमका है। कहने का तात्पर्य यह है कि क्या आपको आॅफिस के महत्वपूर्ण कामों की जिम्मदारी दी जाती है, आपके हाथ में केाई इंपाॅर्टेंट प्रोजेक्ट है या नहीं। अगर आपके हाथ से धीरे-धीरे कामों को लेना शुरू कर दिया जाये, तो इसका मतलब है कि आपका संस्थान में ज्यादा दिनों तक टिक पाना मुश्किन है। ऐसे में अपने लिए नए विकल्प तलाशना शुरू कर दें।
  •  आप अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं। आपको अपनी कंपनी में काम करने में मजा आ रहा है। आप हर काम को सबसे अच्छी तरह से और नए तरीके से करते हैं, तो कंपनी में आपका भविष्य सुरक्षित है, लेकिन स्थिति इसके उलट है, तो उस संस्थान को अलविदा कहने का मन बना लें।
  •  आपके घर की दूरी आपके संस्थान से बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से आपका बहुत सारा समय वेस्ट होता है, तो बेहतर यही होगा कि अपने लिए अपने घर के आस-पास नौकरी की तलाश करें, क्योंकि बहुत ज्यादा टरैवलिंग की वजह से आप थक जाते हैं, जिसका असर आपकी हेल्थ और परफाॅरमेंस पर पड़ता है।

पुरानी नौकरी को कहें गुडबाय

  •  जब इन्क्रीमेंट और प्रमोशन की संभावना ना हो।
  •  बाॅस आपके सही काम की भी आलोचना करे।
  •  आॅफिस में काम से ज्यादा पाॅलिटिक्स हो।
  •  कुछ नया सीखने का ना मिल रहा हो।
  •  आपकी तुलना दूसरों से होने लगे।

करियर काउंसलर और मनोवैज्ञानिक डाॅ तृप्ति सखूजा से बातचीत पर आधारित

समर वेकेशनः खाने की ना हो छुट्टी — June 16, 2015

समर वेकेशनः खाने की ना हो छुट्टी

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गर्मी की छुट्टियां होते ही जैसे बच्चों को जैसे ही उनके रुटीन में ढील मिलती है वैसे ही उनके खाने-पीने का रुटीन भी बिगड़ जाता है। खेलने की धुन में पौष्टिक भोजन ना खाने की वजह से उनके शरीर में न्यूटरीशन की कमी होने लगती है। जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी अकसर उनकी तबीयत खराब हो जाती है। समर वेकेशन में अपने लाडले को खिलाना-पिलाना मम्मियों के लिए डिफिकल्ट टास्क बन जाता है, लेकिन थोड़ी सी समझदारी और इनोवेटिव थाॅट से आप अपने बच्चे को वेकेशन में भी अच्छी डाइट दे सकती हैं।

जैसे ही गर्मियां शुरु होती हैं, वैसे ही आपके बच्चे का एनर्जी लेवल कम होने लगता है। फाइनल एग्जाम खत्म होने के बाद होने के बाद नये सेशन की शुरुआत के साथ ही गर्मियों की छुट्टियां भी शुरु हो जाती हैं। छुट्टियों में वो ज्यादा समय तक घर में ही रहता है, इसलिए उसकी फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा बढ़ जाती है। इस बारे में एक मल्टिनेशनल कंपनी में कार्यरत नितिका शर्मा का कहना है कि जैसे ही गर्मी की छुट्टियां स्टार्ट होती हैं वैसे ही मेरी टेंशन बढ़ जाती है। मेरा 8 साल का बेटा आरव और 10 साल की बेटी रितिका पूरे दिन उछल-कूद मचाये रहते हैं, जिसकी वजह से उन्हें खूब भूख लगती है। दोनों दादी की बात सुनते नहीं है और वे पौष्टिक चीजें खाने की बजाये नमकीन, बिस्किट या फिर बर्गर, चाउमीन जैसी चीजें खाकर अपना पेट भरते हैं। इसकी वजह से दोनेां हर समय थके-थके से रहते हैं और हरदम उन्हें भूख लगी रहती है। स्कूल जाते समय तो रुटीन बना रहता है सोने से लेकर सुबह उठने तक का, लेकिन स्कूल बंद होते ही सारा रुटीन गड़बड़ा जाता है। स्कूल के बच्चों पर किये गये विभिन्न सर्वेक्षणों में पाया गया है कि जैसे ही स्कूल की छुट्टियां शुरु होती हैं वैसे ही उनमें पौष्टिक तत्वों की कमी होने लगती है।

रुटीन बनायें
समर वेकेशन में भी बच्चे के लिए रुटीन बनायें मसलन उसके उठने का समय, ब्रेकफास्ट का समय, लंच का समय सबकुछ निश्चित कर दें। जैसे बच्चा आठ बजे सोकर उठता है, तो उसके ब्रेकफास्ट के लिए नौ बजे का समय रखें और लंच के लिए डेढ़ बजे का समय। बच्चे के सोने का समय भी फिक्स कर दें ज्यादा से ज्यादा दस बजे तक उसे सुला दें। उसके डिनर का समय नौ बजे का रखें। जब उसके खाने और सोने का समय निर्धारित होगा, तो वो उस समय प्राॅपर तरीके से खाना खायेगा और उसमें पोषण की कमी नहीं होगी।

हल्का और पौष्टिक खाना
गर्मियों में खाना ज्यादा तला-भुना और मसालेदार ना हो क्योंकि अगर आपका बच्चा ज्यादा हैवी खाना खाकर धूप में खेलने जायेगा, तो उसके वाॅमेटिंग सेंशेसन होगा याफिर उसे लूज मोशन की शिकायत भी हो सकती है, इसलिए इस मौसम में खाना हेल्दी होने के साथ-साथ आसनी से पचने वाला भी होना चाहिए। बच्चे को चिप्स के पैकेट के साथ पेप्सी पकड़ाने की बजाये उसे दाल-चावल, रोटी-सब्जी, दही-सलाद और हरी सब्जियां खिलायें इससे उसे फिजिकल एक्टिविटी के लिए एनर्जी और पोषण मिलेगा। मंचिंग के लिए उसे पैकेटबंद चीजें देने की बजाये घर की बनी हेल्दी चीजें मसलन रोस्टेड पोहा या फिर पाॅपकाॅन्स दें और पीने के लिए नींबू-पानी, छाछ और लस्सी दें।

दूध को बनायें इनोवेटिव
दूध कैल्शियम को बेहतरीन स्रोत है बच्चे को पोषण देने के लिए यह बेहद जरूरी है। गर्मी के बच्चे दूध पीने से बचते हैं। उन्हें दूध पिलाने के लिए अलग-अलग तरह के प्रयोग करें मसलन बच्चे को दूध का गिलास जबरदस्ती पिलाने की बजाये उसे मिल्क शेक, मैंगो शेक, चाॅकलेट शेक आदि दें। इस समय उसे धूप से बचाने के लिए छाछ और लस्सी भी दें। इससे उसे भरपूर पोषण भी मिलेगा और मौसम से लड़ने की ताकत भी।

हेल्दी हो डाइट
डाइटिशियन डाॅ. दिव्या का कहा है कि छुट्टियों में बच्चे को ज्यादा हेल्दी खाने की जरूरत होती है क्योंकि इस समय उसकी फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा बढ़ जाती है। उसके आहार में कार्बोहाइडरेट, कैल्शियम, प्रोटीन, खनिज-लवण और वसा की संतुलित मात्रा जरूरी होती है। यह सब उसे प्राॅपर खाने से मिलती है।

क्या-क्या हो शामिल

  • सुबह के खाने में कैल्शियम वाली चीजें जरूर शामिल करें मसलन बच्चे को बे्रकफास्ट में एक गिलास दूध के काॅर्न फ्लैक्स, दूध में बना दलिया, पोहा, स्टफ परांठा के साथ दही आदि दें। इससे उसे भरपूर पोषण मिलता है। वैसे भी कहा गया है कि दिन की शुरुआत अच्छी हो इसके लिए सुबह का खाना हेल्दी और पौष्टिक होना चाहिए।
  •  दोपहर के खाने में कार्बोहाइडरेट और प्रोटीन वाली चीजें शामिल करें। लंच में बच्चे को मैगी या पास्ता खिलाने की बजाये रोटी-सब्जी, दाल-चावल, हरी सब्जी, सलाद, दाल आदि खाने को दें। साथ में एक कटोरी दही भी दें। दही खाने से धूप से बचाव होता है।
  •  अगर बीच में बच्चे को भूख लगे, तो उसे मौसमी फल जैसे लीची, स्टराबेरी, कीवी, आलू बुखारा, अंगूर आदि खाने को दें। तरबूज और खरबूजा आदि भी खाने को दें, लेकिन उसकी मात्रा सीमित हो।
  •  बच्चा बाहर की चीजों की तरफ अटरेक्ट ना हो इसके लिए उसके लिए जो भी चीजें बनायें वो देखने में अटरेक्टिव हो, जिसे देखकर उसे खाने का मन करे। स्प्राउटस, को हल्का सा स्टीम करके उसमें खीरा, टमाटर, नींबू मिलाकर दें देखने भी अच्छा लगेगा और खाने में हेल्दी भी होगा।
  •  हैंग कर्ड में अलग-अलग फ्रूट्स मिलाकर खाने को दें। इसके अलावा कस्टर्ड में भी फ्रेश फ्रूट मिलाकर दें।
  •  बच्च के लिए घर पर मैंगो शेक बनायें उसे अटरेक्टिव बनाने के लिए उसमें चैरी और आइसक्रीम मिला दें।
  •  कभी भी बच्चे केा पहले से कटा हुआ फल खाने को ना दें उसके लिए हमेश फ्रेश फ्रूट्स काटकर दें।
  •  अगर आपके घर में नाॅनवेज बनता है रात के खाने में चिकन या एगकरी दें। बच्चा नाॅनवेज नहीं खाता है, तो उसके रात के खाने में दाल जरूर शामिल करें।
  •  गर्मियों में पसीना निकलने की वजह से शरीर में नमी कम होने लगती है इससे बचने के लिए बच्चे को एनर्जी डिरिंक, ग्लूकाॅन डी, शिकंजी, नारियल पानी आदि भरपूर मात्रा में दें। धूप से बचने के लिए आम का पन्ना पिलायें।

डाइट ऐंड क्योर की डाइटिशियन डाॅ. दिव्या गांधी से बातचीत पर आधारित

थोड़ी-सी समझदारी बनाए आॅफिस में हीरो — June 5, 2015

थोड़ी-सी समझदारी बनाए आॅफिस में हीरो

थोड़ी-सी समझदारी बनाए आॅफिस में हीरो.

आॅफिस में सफलता पाने के लिए अच्छा काम करने के साथ-साथ यह भी बेहद जरूरी है कि आप वहां के वातावरण के हिसाब से व्यवहार करें क्योंकि आपके काम के साथ-साथ आपका व्यक्तित्व भी आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होता है। छोटी-छोटी कुछ बातों का ध्यान रखकर आप भी बन सकते हैं अपने आॅफिस का हीरो

थोड़ी-सी समझदारी बनाए आॅफिस में हीरो —

थोड़ी-सी समझदारी बनाए आॅफिस में हीरो

office

आॅफिस में सफलता पाने के लिए अच्छा काम करने के साथ-साथ यह भी बेहद जरूरी है कि आप वहां के वातावरण के हिसाब से व्यवहार करें क्योंकि आपके काम के साथ-साथ आपका व्यक्तित्व भी आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होता है। छोटी-छोटी कुछ बातों का ध्यान रखकर आप भी बन सकते हैं अपने आॅफिस का हीरो

अधिकांश कामकाजी लोग अपने दिन का सबसे बेहतरीन समय अपने आॅफिस में बिताते हैं। चूंकि आपके दिन का सबसे एक्टिव समय दफ्तर में बीतता है ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आपके कलीग्स और आपके क्लाइंट्स के साथ आपके संबंध बेहतर हों। अगर आप चाहते हैं कि आॅफिस में आप सबसे बेहतरीन वर्कर हों, तो कुछ बातों का ना कहें और चीजों को प्रोफेशनली टैकल करें, इसके साथ-साथ इन बातों पर अमल करें।

टाइम मैनेजमेंट
जितने समय तक आप आॅफिस में रहते हैं उस दौरान आपको क्या काम करना है इसकी प्लानिंग पहले से ही कर लें और कोशिश करें कि आप अपना काम अपनी प्लानिंग के हिसाब से ही करें। अगर आपके लंच के लिए कोई समय निश्चित नहीं है, तो बेहतर यही होगा कि जल्दी से अपना काम निपटाकर आप अपने काम पर लग जाएं। बाहर जाकर चाय पीने या पान खाने और सिगरेट पीने में समय बर्बाद ना करें। आॅफिस के नियमों का पालन करें, आॅफिस का समय पूरा हुए बिना आॅफिस से ना जाएं। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको जो काम दिया गया है उसे सही तरीके से सही समय पर पूरा करें कहने का मतलब है कि अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वाह करें, फिर देखिए कैसे आपको वाहवाही मिलती है।

आॅफिस समय पर पहुचें
अगर आप दफ्तर देर से पहुंचते हैं, तो इसका आपके सीनियर्स और बाॅस पर गलत प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमेशा यही कोशिश करें कि आप सही समय पर आॅफिस पहुंचें। कोशिश करें कि आप अपने आॅफिस आने के समय से पांच मिनट पहले ही आॅफिस पहुंच जाएं। इससे आप रिलैक्स महसूस करेंगे और अपना काम सही तरीके से कर पायेंगे। अगर कभी आपको किसी कारण से आॅफिस लेट जाना हो, तो इसके संबंध में अपने बाॅस को पहले से ही सूचित कर दें, इससे पता चलेगा कि आप अपने काम के प्रति जिम्मेदार हैं।

बिना कारण के अनुपस्थित ना रहें
आॅफिस से आए दिन छुट्टी लेना और उकसे लिए झूठे बहाने बनाना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है, इससे अनायास ही आपके कलीग्स का काम बढ़ जाता है। अगर आपकी भी ऐसी ही आदत है, तो इस तरह की हरकते करने से बचें आपको आॅफिस से छुट्टी मिलती है कहीं घूमने जाने के लिए या फिर अपने व्यक्तिगत कार्यों को करने के लिए उसका इस्तेमाल करें। हां अगर वास्तव मंे कोई जरूरी काम पड़ गया है, फिर इसके बारे में पहले से ही अपने कलीग्स को और बाॅस को सूचित कर दें। साथ ही अपने पेंडिंग कार्यों से संबंधित पूरी डिटेल अपने को-वर्कर को दे दें और अपना मोबाइल फोन आॅन रखें, ताकि कोई मुश्किल आने पर वो आपसे बात कर सकें।

सीट पर खाना ना खायें
बहुत सारे लोगों की आदत होती है कि वे अपनी सीट पर बैठे-बैठे खाते रहते हैं, अगर आपकी भी ऐसी आदत है, तो ऐसा ना करें। कभी ऐसा भी हो सकता है कि खाते-खाते आपके हाथ से कोई चीज की-बोर्ड पर या आपके डाॅक्यूमेंट्स पर गिर जाए और आपके डाॅक्यूमेंट खराब हो जाएं। कुछ आॅफिसों में अपनी सीट पर ही खाना होता है, ऐसे में जरूरी है कि खाते समय अपने जरूरी कागजों को सही तरीके से रख दें और खाने के बाद अपनी टेबल को अच्छे से साफ कर दें।

आॅफिस की चीजें ध्यान से इस्तेमाल करें
हमेशा आॅफिस की चीजें जैसे की मशीन्स, फर्नीचर का प्रयोग ध्यान से करें। आॅफिस प्राॅपर्टी का इस्तेमाल रफली ना करें। फाइल, फोल्डर्स, डाॅक्यूमेंट्स और काॅन्फिडेंशियल डाटा का जिम्मेदारी पूर्वक प्रयोग करें। इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि आपकी वजह से आॅफिस का नुक्सान ना हो। बिजली का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से ही करें। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह है कि आॅफिस की स्टेशनरी का इस्तेमाल व्यकितगत कामों के लिए ना करें।

चैटर बाॅक्स ना बनें
आॅफिस में फालतू की बातें करने वालों को लोग पसंद नहीं करते हैं। इसलिए बिना मतलब के बातें ना करें। हो सकता है कि आपकी बेकार की बातों से आपके कलीग्स डिस्टर्ब हो रहे हों। काम के समय टू द प्वांइट बात करें। हां थोड़ी बहुत बातचीत करके आप अपने थोड़ा रिलैक्स कर सकते हैं इससे माहौल हल्का-फुल्का हो जाता है।

कपड़ों का सही चुनाव
आॅफिस में आपकी अपीयरेंस बहुत मायने रखती है। आॅफिस के लिए तैयार होते समय वहां के डरेस कोड का ध्यान जरूर रखें। अगर आपके आॅफिस में कोई डरेस कोड नहीं है, तो जो भी कपड़े पहनें वो अच्छी तरह से धुले और प्रेस किए हुए हों। जिस संस्थान में कोई डरेस कोड हो वहां पर जींस के साथ टीशर्ट पहनना अनप्रोफेशनल एटिट्यूड शो करता है। वहां पुरुषों के लिए सूट, शर्ट, टराउजर, कोट उपयुक्त है। जबकि महिलाओं के लिए जींस या टराउजर के साथ शर्ट, कूर्तीज या फिर इंडियन आउटफिट में सलवार कमीज और साड़ी अच्छा विकल्प है।

आॅफिस टेक्नोलाॅजी को पर्सनल कामों के लिए ना यूज करें
जब आप टेलीफोन, फैक्स मशीन, प्रिंटर और कम्प्यूटर जैसी आॅफिस टेक्नोलाॅजी का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आप पर होती है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जब आप इसका इस्तेमाल करें, तो कभी भी आॅफिस के फोन से पर्सनल काॅल ना करें और ना ही सोशल नेटवर्किंग साइट पर चैटिंग और बैन्ड वेबसाइट और वीडियो शो ना देखें यह आपके अनप्रोफेशनल एटिटृयूड को शो करता है, जो कि आपके कैरियर के लिए ठीक नहीं है।

व्यक्तिगत समस्याओं को घर छोड़ दें
ब्हुत सारे लोगों की आदत होती है कि वह अपनी घरेलू समस्याओं को आॅफिस में डिस्कस करते हैं, लेकिन आप ऐसा करने से बचें। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पर्सनल प्राब्लम्स आपके काम पर प्रभाव डालेंगी। अपने सहकर्मियों से काम के दौरान अपनी चिंता और दुख तकलीफ को शेयर ना करें। पति-पत्नी की लड़ाई, प्रेम समस्या, फाइनेंशियल दिक्कतें आदि ऐसी समस्याएं हैं, जिनका जिक्र आॅफिस सहकर्मियों से भूलकर भी ना करें। इससे ना केवल आपकी कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पडे़गा वरन पीठ पीछे लोग आपका मजाक भी बनायेंगे। इन सब बातों से बचने के लिए जरूरी है कि आप इन समस्याओं को आॅफिस में लेकर ना आएं।

आॅफिस पाॅलिटिक्स से बचें
फालतू की गप्पबाजी और आॅफिस पाॅलिटिक्स से बचें। आॅफिस में हो रही गतिविधियों पर एकाघ बात कहना हानिकारक नहीं है, लेकिन किसी के बारे में नकारात्मक बातचीत करना और गुटबाजी करना किसी भी तरह से उचित नहीं है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपकी किसी बात से आपके सहकर्मी का दिल ना दुखे। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी के प्रति फैलाई गई किसी अफवाह में पड़ने से बचें क्योंकि इससे ना केवल आपके सीनियर्स के सामने आपकी छवि धूमिल होगी वरन अपनी इन आदतों की वजह से आप अपनी नौकरी से भी हाथ धो सकते हैं।